गलवान घाटी में 15 जून की शाम से शुरू हुई हाथापाई 16 जून की सुबह होने तक खूनी झड़प में बदल गई थी। रात भर में तीन दौर के खूनी संघर्ष के बाद तड़के 5 बजे के करीब दोनों सेनाओं के बीच शवों और घायल सैनिकों का आदान-प्रदान हुआ था। भारत की ओर से चीन को 5 सैन्य अधिकारियों समेत 26 सैनिकों के शव और 70 घायल सैनिक सौंपे गए थे, जिसकी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी की गई थी।

घटना के बाद चीन का तर्क था कि वह तनाव को भड़काना नहीं चाहता है, इसलिए मृत सैनिकों की संख्या नहीं जारी करेगा। चीनी सेना के प्रवक्ता झांग शुइली ने अपने बयान में इतना जरूर कहा था कि झड़प में दोनों ही पक्षों के लोग मारे गए हैं लेकिन उन्होंने अपने सैनिकों की संख्या नहीं बताई। उन्होंने कहा कि चीन के राष्ट्रपति और सेना प्रमुख शी जिनपिंग की स्वीकृति के बाद ही सैनिकों की मौत के आंकड़े बताये जा सकते हैं।
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