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वरिष्ठ अधिकारियों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि सुशांत की मौत से जुड़े मामले की एनआईए जांच का यह एक बड़ी वजह हो सकती है। बता दें कि इस एजेंसी का गठन मूल रूप से आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच के लिए किया जाता है। यदि इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी जती है तो केंद्रीय जांच ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के बाद एनआईए इस केस में चौथी एजेंसी होगी।
वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने मंगलवार को एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि धारा 53 द नार्कोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 के मुताबिक, केंद्र राज्यों के साथ सलाह मशविरा करने के बाद "एनआईए में निरीक्षकों के रैंक से ऊपर के अधिकारियों को शक्तियों का इस्तेमाल करने और कर्तव्यों का पालन करने के लिए आमंत्रित करता है।"
पिछले वर्ष एनआईए अधिनियम में संशोधन में, एजेंसी को मानव तस्करी, जाली नोट और साइबर आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच करने का अधिकार भी दिया गया था, मगर मादक पदार्थों के केस इसके दायरे में नहीं थे। लेकिन मंगलवार को इसका भी आदेश जारी कर दिया गया।
बता दें कि एक्टर सुशांत सिंह राजपूत मौत केस में मौत के आसपास की परिस्थितियों की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है और ड्रग्स की एगल पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा जांच की जा रही है। बॉलीवुड एक्ट्रेस और सुशांत की गर्ल्फ्रेंड रिया चक्रवर्ती एक कथित "ड्रग सिंडिकेट" में उनकी भूमिका और सुशांत के लिए कथित रूप से ड्रग्स की खरीद के लिए हिरासत में हैं।
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