सूत्रों ने इसकी अभी तक पुष्टि नहीं की है कि यह दोनों पीएलए और भारतीय सेना के बीच का पलायन है या टकराव। हालांकि, उन्होंने कहा कि ब्लैक टॉप और हेलमेट टॉप पर कुछ असामान्य हुआ है और चीजों को पाने में समय लगेगा, जो वास्तव में हुआ है। लेह में हवाई गतिविधि में भी तेजी देखी जा रही है। भारतीय सेना पीएलएओ द्वारा दक्षिण में पैंगोंग त्सो के एक इलाके में हमले की आशंका जता रही है।

सूत्रों ने बताया कि फिंगर 4 के इलाके में चीनी सेना ने बोट से घुसपैठ की कोशिश की थी, लेकिन कल शाम को ब्लेक टॉप और हेलमेट टॉप में एक बार फिर असामान्य गतिविधि देखने को मिली हैं। मिली जानकारी के अनुसार, शाम की घटना के बाद भारतीय कैंप से तीन कंपनियों को तुरंत रवाना किया गया है। हालांकि अभी तक इस बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है कि आखिर क्या हुआ है।
30 अगस्त को भारतीय सेना ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा कर लिया था। 1962 के युद्ध के दौरान भारत द्वारा इन चोटियों को खो दिया गया था। हालांकि 30 अगस्त से पीएलए कुछ कार्रवाई शुरू करने की प्रतीक्षा कर रहा था। भारतीय सेना ने भारतीय नियंत्रण की पहाड़ी ऊंचाइयों पर कंटीले तारों जैसी बाधाएं डाल दी हैं। कांटेदार तारों को लाइन पर नहीं पार करने के लिए चीनी को संकेत देने के लिए रखा गया है।
बेरोजगार नौकरी से परेशान हो तो सरकार ने आपके लिए 45000 से अधिक पदों पर निकाली भर्ती, 8th/10th पास करे आवेदन, यहाँ क्लिक करें