
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने अपने 'दुश्मन को अंधा और बहरा कर देने वाली' टेक्नॉलॉजी को डेवलप करने का काम जारी रखा है। इसमें तो यहां तक कहा गया है कि चीन के पास ग्राउंड स्टेशन से ही ऐसे साइबर अटैक करने की क्षमता है, जिसके जरिए वह स्पेसक्राफ्ट समेत सैटेलाइट्स को कंट्रोल या हाइजैक कर सकता है।
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गतिरोध जारी है। वहीं, ANI ने रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारतीय सुरक्षा अधिकारियों को LAC पर चीनी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए 4 से 6 'समर्पित उपग्रहों' की जरूरत है। कथित तौर पर उन्हें 'हाई-रिजॉल्यूशन वाले सेंसर्स और कैमरों' की जरूरत है।
हालांकि इसरो ने यह सुनिश्चित किया कि इन साइबर हमलों से इनके सिस्टम पर असर न आए। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के पास जियोसिंक्रोनस ऑर्बिट (GEO) से स्पेस सिस्टम्स को खतरे में डालने वाली कई काउंटर-स्पेस टेक्नोलॉजी हैं। वहीं भारत ने 2019 में अपनी एंटी-सैटेलाइट मिसाइल टेक्नॉलॉजी की क्षमताओं का प्रदर्शन कर दिखा दिया था कि देश, दुश्मन उपग्रहों को 'मार' गिराने में सक्षम है।
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