
कुछ दिनों पहले ही पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और केरल के एर्नाकुलम से एनआईए ने छापेमारी कर 9 आतंकियों को गिरफ्तार किया था। कुछ दिन पहले जाकिर नाईक ने भी इन गतिविधियों के लिए केरल राज्य को सबसे मुफीद माना था , साथ ही पश्चिम बंगाल से इन दिनों ऐसी घटनाएं नजर आ रही हैं। यह तो जांच का विषय है कि इन दो राज्यों से ही सबसे ज्यादा लोग आतंकी घटनाओं में संलिप्त क्यों पाए जाते हैं।
अभी गिरफ्तार हुए सभी आतंकी अलकायदा से जुड़े थे और आपस में मिलकर काम कर रहे थे। एनआईए के मुताबिक ये भारत के अलग-अलग हिस्सों में फैलकर बड़े हमलों की साज़िश कर रहे थे। उन्होंने कई महत्वपूर्ण स्थानों और लोगों को आतंक फैलाने के लिए चिन्हित किया था।एनआईए ने बताया है कि इनके पास से बड़ी मात्रा में हथियार, दस्तावेज, डिजिटल उपकरण, जिहादी साहित्य, बुलेट प्रूफ जैकेट समेत कई संदिग्ध चीजें मिली हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि ये सभी सोशल मीडिया के जरिए अलकयदा से जुड़े थे। इन सभी को भारत में राजधानी समेत कई महत्वपूर्ण स्थानों को आतंक से दहलाने के निर्देश मिले थे। फिलहाल इनकी गिरफ्तारी के बाद उच्च स्तरीय टीम पूछताछ समेत जांच में जुटी हुई है।
गजवा-ए-हिन्द असल में कुछ कट्टरपंथी और अतिवादी मुसलमानों का तथाकथित काफिरों के खिलाफ एक एजेंडा है। जो भारत में हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच युद्ध के साथ ही मुसलमानों की जीत और भारत में इस्लामिक शासन की भविष्यवाणी करता है। इसके साथ ही अलकायदा के 313वीं ब्रिगेड के आतंकी इलियास कश्मीरी कुछ सालों से इस पुराने एजेंडे को चला रहा है और उसके अनुसार यही भारत के विनाश का रोड मैप है। गजवा-ए-हिन्द पाकिस्तान से मॉनिटर हो रहे भारत के खिलाफ आतंक का थीम है।
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